Thursday, 20 October 2016

सपने बड़े देखे। have big dream

सपने बड़े देखे। have big dream

“Dreams are not those you have while sleeping, but those that don’t let you sleep.”

“सपने वो नहीं होते जो आप सोते वक़्त देखते हैं, बल्कि वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते.”

एक आम Indian का बड़ा सपना बस इतना बड़ा ही होता है …एक अच्छी सी job, अपना घर , एक four wheeler…और ऐसी ही छोटी -मोटी चीजें …

जी हाँ , मैं इन्हें छोटी चीजें ही मानता हूँ …ये तो already करोड़ों लोग कर चुके हैं अगर आप भी अपनी पूरी ज़िन्दगी बस यही achieve करने में लगा देंगे तो कौन सा बड़ा काम कर लेंगे ?

अगर भौतिक सुख सुविधाएं जुटाने की ही बात है तो एक छोटे से घर की जगह एक बड़े से बंगले के बारे में सोचिये , या एक बड़ा सा अपार्टमेंट बनाने के ख्वाब देखिये , एक छोटी सी गाड़ी में घूमने की जगह luxury cars की fleet खड़ी करने के बारे में सोचिये … common man की तरह सोचेंगे तो common man की तरह ही ज़िन्दगी बिता देंगे …पैसा जोड़ते …खर्चे काटते और अपनी खुशियाँ sacrifice करते …

ऐसा मत करिए जिस भी बारे में सोचिये बड़ा सोचिये .

हो सकता है कि आप materialistic चीजों में ज्यादा believe नहीं करते हों …और कहें कि मैं इन सब के चक्कर में नहीं पड़ता …सब मोह – माया है ….and all that… OK …ये आपका view point है …और इसमें कोई बुराई नहीं है …बशर्ते , ऐसा न हो कि आपके पास पैसे नहीं हैं इसलिए आप ये show करें की आपकी life में पैसों की importance नहीं है … at least be sincere with yourself.

खैर , चलिए मान लिया कि genuinely आपकी life में materialistic चीजों की importance नहीं है …तो फिर आपके लिए बड़ा क्या है ….शायद आप कहें कि , “मेरे लिए समाज सेवा करना बड़ा है। … मैं अपने खर्चे पर हर साल दो बच्चों को पढ़ता हूँ” ,और इसे आप बड़ा मान लें ….but again “2” एक बहुत छोटा number है , ऐसा काम करके हो सकता है आप मन ही मन लोगों से प्रशंशा पान चाहें …बहुत लोग करेंगे भी पर मैं नहीं करूँगा …… मैं पूछुंगा – सिर्फ ‘2’ क्यों ? क्यों नहीं आप “200” या “2000” बच्चों को पढ़ाते हैं ?

हो सकता है कुछ लोग सोचें की भाई ये बन्दा कम से कम दो लोगों को तो पढ़ा रहा है …और लोग तो वो भी नहीं कर रहे हैं और मैं उसे appreciate करने की बजाये उससे सवाल कर रहा हूँ ???

हाँ , क्योंकि मेरी नज़र में ये बहुत important बन्दा है , ये 99% लोगों से अलग है …इसने अपने शौक पीछे रख दो लोगों की जिंदगियां बनायीं है , पर ये आदमी छोटा सोचता है … अगर इसकी सोच भी बड़ी हो जाए तो हम एक बड़ा बदलाव देख सकते हैं ….

आज वो सिर्फ दो लोगों को पढ़ा रहा है … क्योंकि उसने सिर्फ दो को ही पढ़ाने के बारे में सोचा था …एक नहीं हज़ार बार सिर्फ दो को पढ़ाने के बारे में सोचा था …अगर इसने 200 के बारे में सोचा होता तो आज वो 200 को पढ़ा रहा होता , ज़रूरी नहीं है अपने पैसों से , वो अपने दोस्तों , रिश्तेदारों, या NGOs की मदद लेता लेकिन अगर वो २०० के बारे में सोचता तो आज दो सौ बच्चों को पढ़ा रहा होता और मेरा उससे सवाल करने का यही reason है …मैं चाहता हूँ हर वो व्यक्ति जो अच्छा सोचता है वो बड़ा भी सोचे …

2 और 200 के सवाल पर एक और common बात सामने आती है; लोग कहते हैं ….” अगर हर आदमी दो – दो गरीब बचों को पढ़ा दे तो समस्या हल हो जायेगी !!”

पर हकीकत ये है कि न कभी हर आदमी दो -दो बच्चों को पढ़ायेगा और न इस तरह से समस्या हल होगी …ऐसा होना होता तो कब का हो चुका होता , इसलिए जो कर रहे हैं उन्हें ही बड़ा – बहुत बड़ा करना होगा .

दोस्तों , बुरे लोगों का बड़ा और अच्छे लोगों का छोटा सोचना एक समस्या है ….बहुत बड़ी समस्या है ….बुरा सोचता ही कि 1 करोड़ का fraud कर दें अच्छा सोचता है कि मेहनत से 1 लाख रूपये बना लें ….बुरा सोचता है की 10000 लोगों की ज़िन्दगी तबाह कर दें …अच्छा सोचता है की 10 लोगों की ज़िन्दगी संवार दें ….क्यों ?

आखिर बड़ा सोचने में मुश्किल क्या आती है ?

जब आप motivate होते हैं तो आप बड़ा सोचने लगते हैं , मेरी life grand होगी , मैं बहुत बड़ा मुकाम हांसिल करूँगा ….पर जैसे ही थोडा वक़्त बीतता है आपका जोश ठंडा पड़ने लगता है …अन्दर से आवाज़ आती है … अरे इतना कहाँ हो पायेगा …ये तो बहुत मुश्किल है …

आपके अन्दर की आवाज़ दरअसल सालों से छोटा सोचने की conditioning के कारण है …आपको deliberately इसे बदलना होगा …और ये तभी possible है जब आप इस आवाज़ के बावजूद बड़ा सोचते रहिये …जो करना चाहते हैं उसे visualize करते रहिये …उसे अपनी success diary में लिखते रहिये ….

जब आप ऐसा करेंगे तो एक दिन आपके अन्दर की आवाज़ भी बदल जाएगी और वो आपकी सोच की हाँ में हाँ मिलाने लगेगी और तब आप उसे हकीकत में बदलता देख पायंगे .

Friends, कुछ दिनों पहले मैं एक bakery shop के सामने से गुजर रहा था …मैंने देखा कि वहाँ का guard फटे -चीथड़े कपड़ों में खड़े 8- 10 साल के तीन लड़कों को धुत्कार के भगा रहा था ……क्यों है ऐसा ……आज भी हमारे देश में कोई इतना गरीब क्यों है कि अपना पेट भी नहीं भर सकता …क्यों नहीं सोचते हम सब बड़ा क्यों नहीं ख़तम करते अपनी mediocrity को और बदल डालते हैं अपनी और इस देश की तकदीर को ???

भला हम कैसे आँखें मूँद सकते हैं इन सबसे , हमारा luck था कि हम अच्छे घरों में पैदा हुए वर्ना उन तीन लड़कों में से एक मैं भी हो सकता था …एक आप भी हो सकते थे …क्य ऐसा नहीं हो सकता कि कम से कम basic चीजों के लिए कोई इस बात पर निर्भर ना करे कि वो किस घर में पैदा हुआ है !

आप अच्छे हैं ये अच्छा है पर आप छोटा सोचते हैं ये बुरा है …इसलिए अपनी सोच को बड़ा कीजिये …हो सकता है आपको इसकी ज़रुरत न हो पर करोड़ों हैं जिन्हें इसकी ज़रुरत है …ईश्वर ने आपको काबिल बनाया है तो उसके इस तोहफे को बेकार मत जाने दीजिये ….उठिए ; चलिए कुछ बड़ा कीजिये !!!

7 Habit जो आपको बना सकती है super successful

7 Habit जो आपको बना सकती है super successful

आपकी ज़िन्दगी बस यूँ ही नहीं घट जाती. चाहे आप जानते हों या नहीं , ये आपही के द्वारा डिजाईन की जाती है. आखिरकार आप ही अपने विकल्प चुनते हैं. आप खुशियाँ चुनते हैं . आप दुःख चुनते हैं.आप निश्चितता चुनते हैं. आप अपनी अनिश्चितता चुनते हैं.आप अपनी सफलता चुनते हैं. आप अपनी असफलता चुनते हैं.आप साहस चुनते हैं.आप डर चुनते हैं.इतना याद रखिये कि हर एक क्षण, हर एक परिस्थिति आपको एक नया विकल्प देती है.और ऐसे में आपके पास हमेशा ये opportunity होती है कि आप चीजों को अलग तेरीके से करें और अपने लिए और positive result produce करें.

Habit 1 : Be Proactive / प्रोएक्टिव बनिए

Proactive होने का मतलब है कि अपनी life के लिए खुद ज़िम्मेदार बनना. आप हर चीज केलिए अपने parents या grandparents को नही blame कर सकते . Proactive लोग इस बात को समझते हैं कि वो “response-able” हैं . वो अपने आचरण के लिए जेनेटिक्स , परिस्थितियों, या परिवेष को दोष नहीं देते हैं.उन्हें पता होताहै कि वो अपना व्यवहार खुद चुनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ जो लोग reactive होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावितहोते हैं. वो अपने behaviour के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं. अगर मौसम अच्छा है, तोउन्हें अच्छा लगता है.और अगर नहीं है तो यह उनके attitude और performance को प्रभावित करता है, और वो मौसम को दोष देते हैं. सभी बाहरी ताकतें एक उत्तेजना की तरह काम करती हैं , जिन पर हम react करते हैं. इसी उत्तेजना और आप उसपर जो प्रतिक्रिया करते हैं के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है- और वो होती है इस बात कि स्वतंत्रता कि आप अपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयम कर सकते हैं. एक बेहद महत्त्वपूर्ण चीज होती है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं.आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को indicate करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं.एक proactive व्यक्ति proactive भाषा का प्रयोग करता है.–मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा, etc. एक reactive व्यक्ति reactive भाषा का प्रयोग करता है- मैं नहीं कर सकता, काश अगर ऐसा होता , etc. Reactive लोग सोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं-उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत control किया जा सकता है , उसपर react या चिंता करने के बजाये proactive लोग अपना time और energy ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो control कर सकें.

Habit 2: Begin with the End in Mind अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें.

तो , आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? शायद यह सवाल थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन आप इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिये. क्या आप अभी वो हैं जो आप बनना चाहते थे, जिसका सपना आपने देखा था, क्या आप वो कर रहे हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे. इमानदारी से सोचिये. कई बार ऐसा होता है कि लोग खुद को ऐसी जीत हांसिल करते हुए देखते हैं जो दरअसल खोखली होती हैं–ऐसी सफलता, जिसके बदले में उससे कहीं बड़ी चीजों को गवाना पड़ा. यदि आपकी सीढ़ी सही दीवार पर नहीं लगी है तो आप जो भी कदम उठाते हैं वो आपको गलत जगह पर लेकर जाता है.

Habit 2 आपके imagination या कल्पना पर आधारित है– imagination , यानि आपकी वो क्षमता जो आपको अपने दिमाग में उन चीजों को दिखा सके जो आप अभी अपनी आँखों से नहीं देख सकते. यह इस सिधांत पर आधारित है कि हर एक चीज का निर्माण दो बार होता है. पहला mental creation, और दूसरा physical creation. जिस तरह blue-print तैयार होने केबाद मकान बनता है , उसी प्रकार mental creation होने के बाद ही physical creation होती है.अगर आप खुद visualize नहीं करते हैं कि आप क्या हैं और क्या बनना चाहते हैं तो आप, आपकी life कैसी होगी इस बात का फैसला औरों पर और परिस्थितियों पर छोड़ देते हैं. Habit 2 इस बारे में है कि आप किस तरह से अपनी विशेषता को पहचानते हैं,और फिर अपनी personal, moral और ethical guidelines के अन्दर खुद को खुश रख सकते और पूर्ण कर सकते हैं.अंत को ध्यान में रख कर आरम्भ करने का अर्थ है, हर दिन ,काम या project की शुरआत एक clear vision के साथ करना कि हमारी क्या दिशा और क्या मंजिल होनी चाहिए, और फिर proactively उस काम को पूर्ण करने में लग जाना.

Habit 2 को practice मेंलाने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपना खुद का एक Personal Mission Statement बनाना. इसका फोकस इस बात पर होगा कि आप क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं.ये success के लिए की गयी आपकी planning है.ये इस बात की पुष्टिकरता है कि आप कौन हैं,आपके goals को focus में रखता है, और आपके ideas को इस दुनिया में लाता है. आपका Mission Statement आपको अपनी ज़िन्दगी का leader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैं, और जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं.

Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें

एक balanced life जीने के लिए, आपको इस बात को समझना होगा कि आप इस ज़िन्दगीमें हर एक चीज नहीं कर सकते. खुद को अपनी क्षमता से अधिक कामो में व्यस्त करने की ज़रुरत नहीं है. जब ज़रूरी हो तो “ना” कहने में मत हिचकिये, और फिर अपनी important priorities पर focus कीजिये.
Habit 1 कहतीहै कि , ” आप in charge हैं .आप creator हैं”. Proactive होना आपकी अपनी choice है. Habit 2 पहले दिमाग में चीजों को visualize करने के बारे में है. अंत को ध्यान में रख कर शुरआत करना vision से सम्बंधित है. Habit 3 दूसरी creation , यानि physical creation के बारे में है. इस habit में Habit 1 और Habit 2 का समागम होता है. और यह हर समय हर क्षण होता है. यह Time Management से related कई प्रश्नों को deal करता है.

लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है. Habit 3 life management के बारे में भी है—आपका purpose, values, roles ,और priorities. “प्राथमिक चीजें” क्या हैं? प्राथमिक चीजें वह हैं , जिसको आप व्यक्तिगत रूप से सबसे मूल्यवान मानते हों. यदि आप प्राथमिक कार्यों को तरजीह देने का मतलब है कि , आप अपना समय , अपनी उर्जा Habit 2 में अपने द्वारा set की गयीं priorities पर लगा रहे हैं.

Habit 4: Think Win-Win हमेशा जीत के बारे में सोचें

Think Win-Win अच्छा होने के बारे में नहीं है, ना ही यह कोईshort-cut है. यहcharacter पर आधारित एक कोड है जो आपको बाकी लोगों सेinteract और सहयोग करने के लिए है.

हममे से ज्यादातर लोग अपना मुल्यांकन दूसरों सेcomparison और competition के आधार पर करते हैं. हम अपनी सफलता दूसरों की असफलता में देखते हैं—यानि अगर मैं जीता, तो तुम हारे, तुम जीते तो मैं हारा. इस तरह life एकzero-sum game बन जाती है. मानो एक ही रोटी हो, और अगर दूसरा बड़ा हिस्सा ले लेता है तो मुझे कम मिलेगा, और मेरी कोशिश होगी कि दूसरा अधिक ना पाए. हम सभी येgame खेलते हैं, लेकिन आप ही सोचिये कि इसमें कितना मज़ा है?

Win -Win ज़िन्दगी कोco-operation की तरह देखती है, competition कीतरह नहीं.Win-Win दिल और दिमाग की ऐसी स्थिति है जो हमेंलगातार सभी काहित सोचने के लिए प्रेरित करती है.Win-Win का अर्थ है ऐसे समझौते और समाधान जो सभी के लिए लाभप्रद और संतोषजनक हैं. इसमें सभी खाने को मिलती है, और वो काफी अच्छाtaste करती है.

एक व्यक्ति या संगठन जोWin-Win attitude के साथ समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है उसके अन्दर तीन मुख्य बातें होती हैं:

Integrity / वफादारी :अपनेvalues, commitments औरfeelings के साथ समझौता ना करना.
Maturity / परिपक्वता : अपनेideas औरfeelings को साहस के साथ दूसरों के सामने रखना और दूसरों के विचारों और भावनाओं की भी कद्र करना.
Abundance Mentality / प्रचुरता की मानसिकता :इस बात में यकीन रखना की सभी के लिए बहुत कुछ है.

बहुत लोग either/or केterms में सोचते हैं: या तो आप अच्छे हैं या आप सख्त हैं. Win-Win में दोनों की आवश्यकता होती है. यह साहस और सूझबूझ के बीचbalance करने जैसा है.Win-Win को अपनाने के लिए आपको सिर्फ सहानभूतिपूर्ण ही नहीं बल्कि आत्मविश्वाश से लबरेज़ भी होना होगा.आपको सिर्फ विचारशील और संवेदनशील ही नहीं बल्कि बहादुर भी होना होगा.ऐसा करनाकि -courage और consideration मेंbalance स्थापित हो, यहीreal maturity है, और Win-Win के लिए बेहद ज़रूरी है.

Habit 5: Seek First to Understand, Then to Be Understood / पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ.

Communication लाइफ की सबसे ज़रूरी skill है. आप अपने कई साल पढना-लिखना और बोलना सीखने में लगा देते हैं. लेकिन सुनने का क्या है? आपको ऐसी कौनसी training मिली है, जो आपको दूसरों को सुनना सीखाती है,ताकि आप सामने वाले को सच-मुच अच्छे से समझ सकें? शायद कोई नहीं? क्यों?

अगर आप ज्यादातर लोगों की तरह हैं तो शायद आप भी पहले खुद आपनी बात समझाना चाहते होंगे. और ऐसा करने में आप दुसरे व्यक्तिको पूरी तरह ignore कर देते होंगे , ऐसा दिखाते होंगे कि आप सुन रहे हैं,पर दरअसल आप बस शब्दों को सुनते हैं परउनके असली मतलब को पूरी तरह से miss कर जाते हैं.

सोचिये ऐसा क्यों होता है? क्योंकि ज्यादातर लोग इस intention के साथ सुनते हैं कि उन्हें reply करना है, समझना नहीं है.आप अन्दर ही अन्दर खुद को सुनते हैं और तैयारी करते हैं कि आपको आगे क्या कहना है,क्या सवाल पूछने हैं, etc. आप जो कुछ भी सुनते हैं वो आपके life-experiences से छनकर आप तक पहुचता है.

आप जो सुनते हैं उसे अपनी आत्मकथा से तुलना कर देखते हैं कि ये सही है या गलत. और इस वजह से आप दुसरे की बात ख़तम होने से पहले ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि अगला क्या कहना चाहता है.
आप इन चारों में से किसी एक तरीके से ज़वाब देते हैं:

Evaluating/ मूल्यांकन:पहले आप judge करते हैं उसके बाद सहमत या असहमत होते हैं.
Probing / जाँच :आप अपने हिसाब से सवाल-जवाब करते हैं.
Advising/ सलाह :आप सलाह देते हैं और उपाय सुझाते हैं.
Interpreting/ व्याख्या :आप दूसरों के मकसद और व्यवहार को अपने experience के हिसाब से analyze करते हैं.
शायदआप सोच रहे हों कि, अपनेexperience के हिसाब से किसी सेrelate करने में बुराई क्याहै?कुछsituations में ऐसा करना उचित हो सकत है, जैसे कि जब कोई आपसे आपके अनुभवों के आधार पर कुछ बतानेके लिए कहे, जब आप दोनों के बीच एकtrust कीrelationship हो. पर हमेशा ऐसा करना उचित नहीं है.
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Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना

सरल शब्दों में समझें तो , “दो दिमाग एक से बेहतर हैं ” Synergize करने का अर्थ है रचनात्मक सहयोग देना. यह team-work है. यह खुले दिमाग से पुरानी समस्याओं के नए निदान ढूँढना है.

पर ये युहीं बस अपने आप ही नहीं हो जाता. यह एक process है , और उसी process से, लोग अपनेexperience और expertise को उपयोग में ला पाते हैं .अकेले की अपेक्षा वो एक साथ कहीं अच्छाresult दे पाते हैं. Synergy से हम एक साथ ऐसा बहुत कुछ खोज पाते हैं जो हमारे अकेले खोजने पर शायद ही कभी मिलता. ये वो idea है जिसमे the whole is greater than the sum of the parts. One plus one equals three, or six, or sixty–या उससे भी ज्यादा.

जब लोग आपस में इमानदारी से interact करने लगते हैं, और एक दुसरे से प्रभावित होने के लिए खुले होते हैं , तब उन्हें नयी जानकारीयाँ मिलना प्रारम्भ हो जाता है. आपस में मतभेद नए तरीकों के आविष्कार की क्षमता कई गुना बढ़ा देते हैं.

मतभेदों को महत्त्व देना synergy का मूल है. क्या आप सच-मुच लोगों के बीच जो mental, emotional, और psychological differences होते हैं, उन्हें महत्त्व देते हैं? या फिर आप ये चाहते हैं कि सभी लोग आपकी बात मान जायें ताकि आप आसानी से आगे बढ़ सकें? कई लोग एकरूपता को एकता समझ लेते हैं. आपसी मतभेदों को weakness नहीं strength के रूप में देखना चाहिए. वो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं.

Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें

Sharpen the Saw का मतलब है अपने सबसे बड़ी सम्पत्ति यानि खुद को सुरक्षित रखना. इसका अर्थ है अपने लिए एक प्रोग्राम डिजाईन करना जो आपके जीवन के चार क्षेत्रों physical, social/emotional, mental, and spiritual में आपका नवीनीकरण करे. नीचे ऐसी कुछ activities केexample दिए गए हैं:

 Physical / शारीरिक :अच्छा खाना, व्यायाम करना, आराम करना
 Social/Emotional /:सामजिक/भावनात्मक :औरों के ससाथ सामाजिक और अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना.
 Mental / मानसिक :पढना-लिखना, सीखना , सीखना.
 Spiritual / आध्यात्मिक :प्रकृति के साथ समय बीताना , ध्यान करना, सेवा करना.

आप जैसे -जैसे हर एक क्षेत्र में खुद को सुधारेंगे, आप अपने जीवन में प्रगति और बदलाव लायेंगे.Sharpen the Saw आपको fresh रखता है ताकि आप बाकी की six habits अच्छे से practice कर सकें. ऐसा करने से आप challenges face करने की अपनी क्षमता को बढ़ा लेते हैं. बिना ऐसा किये आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है , मस्तिष्क बुद्धिरहित हो जाता है, भावनाए ठंडी पड़ जाती हैं,स्वाभाव असंवेदनशील हो जाता है,और इंसान स्वार्थी हो जाता है. और यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है, क्यों?

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने काअर्थ है खुद कोrenew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करकेrenew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentallyऔर spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.



Kalyugi gyan ki baatein

Kalyugi gyan ki baatein

कलयुगी ज्ञान की बातें…

जब हमारे पी.एम. अमेरिका जाते हैं
तो “उनकी ” पूरी तलाशी ली जाती है ,
और जब अमेरिका के राष्ट्रपती यहाँ आते हैं
तो हमारे पूरे “देश”
की तलाशी ली जाती है…

1~दुनिया का दस्तूर ही कुछ अजीब है, दौलत चाहे कितनी भी बेईमानी से आये,
उसकी रखवाली के लिए सबको ईमानदार शख्स ही चाहिए..

2~आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है
जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक वाली चाय
मिले।
वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।

3~जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी, कारोबार और
स्मार्टफोन
के बीच में सामंजस्यबैठा लिया हो, वह पुरुष नहीं महापुरुष
कहलाता है!

4~आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम अपना फोन
चार्जिंग से निकाल कर किसी और का फोन लगा दें!

5~आसमान को छूने के लिऐ रॉकेट को भी बोतल कि जरूरत
पडती है।………..
तो फिर इंसान क्या चीजहै।

6~आप कितने ही अच्छे काम कर लें,
लेकिन लोग उसे ही याद करते हैं, जो उधार लेकर मरा हो।

7~यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते.. तो हम खूब पेड़
लगाते। अफसोस कि वे हमे आक्सीजन देते है…

8~आजकल माता-पिता को बस दो ही चिंताएं हैं।
इंटरनेट पर उनका बेटा क्या डाउनलोड कर रहा है और
बेटी क्या अपलोड
कर रही है।

9~जंगल में चरने गया बैल और दोस्तों के साथ पार्टी में
बैठा पुरुष जल्दी वापस नहीं आते

10~जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से पाने की ख्वाहिश
या कोशिश करते हैं
तो वह चीज उसी शिद्दत से कुछ ज्यादा ही एटीट्यूड
दिखाने लगती है।

इन 10 पोस्ट में से अगर एक ने भी आपके चेहरे पर
थोड़ी सी मुस्कान लायी हो तो जरूर comments or share कीजियेगा
और अगर नहीं आई तो कसम से आपकी लाइफ में जरुरत
से ज्यादा फ़्रस्ट्रेशन से भरी है,

GET WELL SOON…

Know your talent In Hindi

Know your talent In Hindi

दोस्तों, हम में से हर एक जीवन में सफल होना चाहता है | वैसे तो सफ़लता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती , पर आम तौर पर अपने जीवन में निर्धारित किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति ही सफ़लता कहलाती है | 

व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाये तो पारिवारिक जीवन में शांति, रहने के लिए एक अच्छा घर, चलाने के लिए एक बढ़िया सी कार, परिवार के साथ व्यतीत करने के लिए पर्याप्त समय और खर्च करने के लिए पर्याप्त धन होने को ही सफ़लता समझा जाता है | शायद हम में से हर एक की यह इच्छा होती है | 

 ज्यादातर लोगों की यह समस्या होती है की सफल होने के लिए कौन सा रास्ता अपनाया जाये | क्या कोई अच्छी सी नौकरी करके सफल बना जाये या फिर कोई व्यापार किया जाये | ज़रूरी नहीं है की अगर एक रास्ते पर चलकर कोई व्यक्ति सफ़ल हुआ है तो दूसरा भी उस रास्ते पर चलकर सफ़ल ही होगा | 

 जहाँ टाटा और अम्बानी जैसे व्यक्ति उद्योगपति के रूप में सफल हुए हैं, वहीं सचिन तेंदुलकर एक क्रिकेटर के रूप में | ऐसे हजारों उदाहरण हमारे सामने हैं जहाँ पर लोगों ने अलग – अलग क्षेत्रों में सफ़लता अर्जित की है | जहाँ लोगों ने अपने भीतर छुपी प्रतिभा को पहचाना और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए सफ़लता को पाया | 

 आपने ये बात पहले भी सुनी होगी कि इन्सान तभी कामयाब होता है कि “जब वह वो काम करे जिससे वह प्यार करता है, या फिर जो भी काम वह करता है उससे प्यार करना सीख ले |” सुनने में तो यह बात बहुत अच्छी लगती है दोस्तों, पर दिमाग खाली सा हो जाता है जब हम अपने भीतर छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने की बात करते हैं | 

 अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो आप सही लेख को पढ़ रहे हैं, आगे पढ़ते रहिये | महान दार्शनिक सुकरात ने कहा है कि “जीवन का आनंद स्वयं को जानने में है” | स्वयं का निरिक्षण करना, अपनी प्रतिभा का पता लगाना और अपनी उस विशेष प्रतिभा का निरंतर विकास करना | वास्तव में यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिये | यदि हम ऐसा कर लेते हैं, तभी सही मायने में हम सफ़ल हो पायेंगे | आप अब तक सफ़ल हुए लोगों में से किसी का भी इतिहास उठा कर देख लीजिये | आप पायेंगे कि उनमें एक बात समान है, और वह यह है कि उन्होंने अपनी प्रतिभा को पहचाना और केवल उसी पर ध्यान दिया | बहरहाल सफ़लता का सार केवल इसी बात में निहित है कि अपनी विशेष प्रतिभा का पता लगाना और उस के विकास पर पूरा ध्यान देना |

 अब आप सोच रहे होंगे कि आपके अंदर ऐसी कौन सी विशेषता है जो आपको दूसरों से भिन्न करती है | क्या कोई ऐसी विशेषता है भी ? तो मैं आपसे कहूँगा कि दुनिया में हर इन्सान के अन्दर कोई न कोई प्रतिभा ज़रूर होती है | हम में से ज्यादातर लोगों के लिए अपनी प्रतिभा को ढूंढ पाना एक कठिन काम होता है , या यूँ कहें कि शायद वे इस विषय पर ध्यान ही नहीं देते | क्या है विशेष प्रतिभा या यूनिक टैलेंट ? प्रकृति ने हम सभी को अलग अलग बनाया है | सभी एक दूसरे से भिन्न हैं और सभी के अन्दर एक विशेष गुण होता है | अपने अन्दर की विशेष योग्यता को समझने के लिए पहले ज़रूरी है कि हम यह जानें कि आखिर ये विशेष गुण या प्रतिभा क्या होती है | आईये, विशेष प्रतिभा के चारित्रिक गुणों को समझें | 

 कोई ऐसा कार्य जो आप दूसरों की अपेक्षा अधिक निपुणता से करते हैं, यानि की आपका टेलेंट | कोई भी ऐसा काम जो आप पूरी लगन और मेहनत के साथ करते हैं | जिसे करने में आप कभी थकते नहीं और इसका भरपूर आनंद उठाते हैं | जो आपको और आपके आसपास के लोगों को उत्साहित करता हैं | जिसे आप कुशलता, और अधिक कुशलता के साथ करना चाहते हैं और आपको उसमें सुधार की भरपूर संभावनाएं दिखाई देती हैं | 

 हम में से ज्यादातर लोग अपनी योग्यताओं और प्रतिभाओं का विकास करने की बजाय उन्हें दबाते हैं | याद कीजिये अपने बचपन के दिन, आप में से कुछ लोगों को संगीत बहुत पसंद था, कुछ को चित्रकारी, कुछ को क्रिकेट खेलना और शायद कुछ को अभिनय करना | ऐसा नहीं है की आपको सिर्फ ये पसंद ही था बल्कि कुछ ने तो इन क्षेत्रों में अवार्ड्स भी जीते | सभी लोग आपकी प्रशंसा करते थे और कहते थे की तुम बड़े होकर इस क्षेत्र में बड़ा नाम करोगे | पर शायद समय के साथ हमने उन प्रतिभाओं को दबा दिया | 

 कैसे पहचानें अपने अन्दर छिपी हुई विशेष प्रतिभा को ? यदि आप अभी भी असमंजस की स्तिथि में हैं और अपनी प्रतिभा को नहीं पहचान पा रहे हैं, तो नीचे दी गयी प्रक्रिया को अपनाएं | यह आपको आपकी प्रतिभा पहचानने में मदद करेगी | ऐसे दस लोगों की लिस्ट बनायें जो आपको सही सलाह दे सकें और जिनकी सलाह का आप सम्मान करते हों | इन लोगों से पूछें की उन्हें आपके अन्दर कौन सी विशेष योग्यता दिखाई देती है | आप अपनी उन आदतों की लिस्ट बनायें जो आप किसी भी काम को बेहतरीन तरीके से करने के लिए प्रयोग करते हैं | अब आप ऊपर दी गयी प्रक्रियाओं का अवलोकन करें | एक लिस्ट बनायें कि आपके अन्दर कौन कौन से गुण (टेलेंट) हैं और उन्हें करने के लिए आपको क्या प्रोत्साहित (पैशन) करता है | मतलब कि आप कौन सा काम बेहतर तरीके से करते हैं और क्यों करते हैं ? आशा है कि उपरोक्त विधि से आप अपनी विशेष प्रतिभा को ढूँढने में अवश्य सफल हो जायेंगे | 

 क्या है जो आपको आगे बढने से रोक रहा है ? वास्तविकता में अपनी प्रतिभा का पता लगाना ही पर्याप्त नहीं है | क्या कारण है कि लोगों को अपनी विशेषता का पता होते हुए भी वे उसका विकास नहीं कर पाते ? इसके कुछ सामान्य कारण नीचे दिए गए हैं :- अगर आप अपने कैरियर में आगे बढ़ चुके हैं तो इस बात का भय कि आपको नये सिरे से शुरुआत करनी पड़ेगी | इस बात का भय कि क्या आप अपनी प्रतिभा वाले क्षेत्र में अपनी आजिविका कमा पायेंगे या नहीं ? 

क्या आप एक नए क्षेत्र में कैरियर शुरू करने के लिए निवेश करने को तैयार हैं ? इस बात का डर कि क्या मैं अपनी पसंद के क्षेत्र में कामयाब हो पाऊँगा | अगर मैं सफल नहीं हो पाया तो लोग क्या कहेंगे कि अपना अच्छा भला काम छोड़कर नये क्षेत्र में जाने की ज़रूरत ही क्या थी ? अपने वर्तमान सहकर्मियों का साथ छूट जाने का भय | उपरोक्त कुछ ऐसे कारण हैं कि जिनके चलते, आपको यह पता होते हुए भी कि आप किस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, आप वह जोखिम उठाने को तैयार नहीं होते | दोस्तों, ज़िन्दगी सिर्फ एक बार ही मिलती है | 

अगर आप चाहते हैं कि उसे ख़ुशी से जिया जाये और जीवन का भरपूर आनंद उठाया जाये, तो फ़िर जो आपका पैशन है उसे अपना प्रोफेशन बनाईये | शुरुआती दौर में शायद कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, पर यकीन मानिये कि अंततः आपका जीवन खुशिओं से भरा हुआ होगा |
10 tips to improve Self Confidence in hindi

10 tips to improve Self Confidence in hindi

इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की जीवन में सफलता पाने के लिए self-confidence एक बेहद important quality है . जीवन में किसी मुकाम पर पहुंच चुके हर एक व्यक्ति में आपको ये quality दिख जाएगी , फिर चाहे वो कोई film-star हो , कोई cricketer, आपके पड़ोस का कोई व्यक्ति , या आपको पढ़ाने वाला शिक्षक . आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो हर किसी में होता है , किसी में कम तो किसी में ज्यादा . पर ज़रुरत इस बात की है कि अपने present level of confidence को बढ़ा कर एक नए और बेहतर level तक ले जाया जाये . 

1) Dressing sense improve कीजिये :

आप किस तरह से dress-up होते हैं इसका असर आपके confidence पर पड़ता है . ये बता दूँ कि यहाँ मैं अपने जैसे आम लोगों की बात कर रहा हूँ , Swami Vivekanand और Mahatma Gandhi जैसे महापुरुषों का इससे कोई लेना देना नहीं है , और यदि आप इस category में आते हैं तो आपका भी :).

मैंने खुद इस बात को feel किया है , जब मैं अपनी best attire में होता हूँ तो automatically मेरा confidence बढ़ जाता है , इसीलिए जब कभी कोई presentation या interview होता है तो मैं बहुत अच्छे से तैयार होता हूँ . दरअसल अच्छा दिखना आपको लोगों को face करने का confidence देता है और उसके उलट poorly dress up होने पे आप बहुत conscious रहते हैं .

मैंने कहीं एक line पढ़ी थी ,” आप कपड़ों पे जितना खर्च करते हैं उतना ही करें , लेकिन जितनी कपडे खरीदते हैं उसके आधे ही खरीदें ” . आप भी इसे अपना सकते हैं.

2) वो करिए जो confident लोग करते हैं :

आपके आस -पास ऐसे लोग ज़रूर दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको लगता होगा कि ये व्यक्ति बहुत confident है . आप ऐसे लोगों को ध्यान से देखिये और उनकी कुछ activities को अपनी life में include करिए . For example:

• Front seat पर बैठिये .

• Class में , seminars में , और अन्य मौके पर Questions पूछिए / Answers दीजिये

• अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये

• दबी हुई आवाज़ में मत बोलिए .

• Eye contact कीजिये , नज़रे मत चुराइए .

3) किसी एक चीज में अधिकतर लोगों से बेहतर बनिए :

हर कोई हर field में expert नहीं बन सकता है , लेकिन वो अपने interest के हिसाब से एक -दो areas चुन सकता है जिसमे वो औरों से बेहतर बन सकता है . अगर आप किसी एक चीज में महारथ हांसिल कर लेंगे तो वो आपको in-general confident बना देगा . बस आपको अपने interest के हिसाब से कोई चीज चुननी होगी और उसमे अपने circle में best बनना होगा , आपका circle आप पर depend करता है , वो आपका school,college, आपकी colony या आपका शहर हो सकता है .

आप कोई भी field चुन सकते हैं , वो कोई art हो सकती है , music, dancing,etc कोई खेल हो सकता है , कोई subject हो सकता है या कुछ और जिसमे आपकी expertise आपको भीड़ से अलग कर सके और आपकी एक special जगह बना सके . ये इतना मुश्किल नहीं है , आप already किसी ना किसी चीज में बहुतों से बेहतर होंगे , बस थोडा और मेहनत कर के उसमे expert बन जाइये , इसमें थोडा वक़्त तो लगेगा , लेकिन जब आप ये कर लेंगे तो सभी आपकी respect करेंगे और आप कहीं अधिक confident feel करेंगे .

और जो व्यक्ति किसी क्षेत्र में special बन जाता है उसे और क्षेत्रों में कम knowledge होने की चिंता नहीं होती , आप ही सोचिये क्या कभी सचिन तेंदुलकर इस बात से परेशान होते होंगे कि उन्होंने ज्यादा पढाई नहीं की ….कभी नहीं

4) अपने achievements को याद करिए :

आपकी past achievements आपको confident feel करने में help करेंगी . ये छोटी -बड़ी कोई भी achievements हो सकती हैं . For example: आप कभी class में first आये हों , किसी subject में school top किया हो , singing completion या sports में कोई जीत हांसिल की हो , कोई बड़ा target achieve किया हो , employee of the month रहे हों . कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा feel कराये .

आप इन achievements को dairy में लिख सकते हैं , और इन्हें कभी भी देख सकते हैं , ख़ास तौर पे तब जब आप अपना confidence boost करना चाहते हैं .इससे भी अच्छा तरीका है कि आप इन achievements से related कुछ images अपने दिमाग में बना लें और उन्हें जोड़कर एक छोटी सी movie बना लें और समय समय पर इस अपने दिमाग में play करते रहे . Definitely ये आपके confidence को boost करने में मदद करेगा .

5) Visualize करिए कि आप confident हैं :

आपकी प्रबल सोच हकीकतबनने का रास्ता खोज लेती है , इसलिए आप हर रोज़ खुद को एक confident person के रूप में सोचिये . आप कोई भी कल्पना कर सकते हैं , जैसे कि आप किसी stage पर खड़े होकर हजारों लोगों के सामने कोई भाषण दे रहे हैं , या किसी seminar haal में कोई शानदार presentation दे रहे हैं , और सभी लोग आपसे काफी प्रभावित हैं , आपकी हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग तालियाँ बजा कर आपका अभिवादन कर रहे हैं . Albert Einstein ने भी imagination को knowledge से अधिक powerful बताया है ; और आप इस power का use कर के बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं .

6) गलतियाँ करने से मत डरिये:

क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हो जिसने कभी गलती ना की हो ? नहीं जानते होंगे , क्योंकि गलतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है , और मैं कहूँगा कि जन्मसिद्ध अधिकार भी . आप अपने इस अधिकार का प्रयोग करिए . गलती करना गलत नहीं है ,उसे दोहराना गलत है . जब तक आप एक ही गलती बार -बार नहीं दोहराते तब तक दरअसल आप गलती करते ही नहीं आप तो एक प्रयास करते हैं और इससे होने वाले experience से कुछ ना कुछ सीखते हैं .

दोस्तों कई बार हमारे अन्दर वो सब कुछ होता है जो हमें किसी काम को करने के लिए होना चाहिए , पर फिर भी failure के डर से हम confidently उस काम को नहीं कर पाते . आप गलतियों के डर से डरिये मत , डरना तो उन्हें चाहिए जिनमे इस भय के कारण प्रयास करने की भी हिम्मत ना हो !! आप जितने भी सफल लोगों का इतिहास उठा कर देख लीजिये उनकी सफलता की चका-चौंध में बहुत सारी असफलताएं भी छुपी होंगी .

Michel Jordan, जो दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ basketball player माने जाते हैं; उनका कहना भी है कि , “मैं अपनी जिंदगी में बार-बार असफल हुआ हूँ और इसीलिए मैं सफल होता हूँ.”

आप कुछ करने से हिचकिचाइए मत चाहे वो खड़े हो कर कोई सवाल करना हो , या फिर कई लोगों के सामने अपनी बात रखनी हो , आपकी जरा सी हिम्मत आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकती है . सचमुच डर के आगे जीत है!

7) Low confidence के लिए अंग्रेजी ना जानने का excuse मत दीजिये :

हमारे देश में अंग्रेजी का वर्चस्व है . मैं भी अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक मानता हूँ ,पर सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके ज्ञान से आप कई अच्छी पुस्तकें , ब्लॉग , etc पढ़ सकते हैं , आप एक से बढ़कर एक programs, movies, इत्यादि देख सकते हैं . पर क्या इस भाषा का ज्ञान confident होने के लिए आवश्यक है , नहीं . English जानना आपको और भी confident बना सकता है पर ये confident होने के लिए ज़रूरी नहीं है . किसी भी भाषा का मकसद शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है , और अगर आप यही काम किसी और भाषा में कर सकते हैं तो आपके लिए अंग्रेजी जानने की बाध्यता नहीं है .

  संसद योगी आदित्य नाथ को मैंने कभी अंग्रेजी में बोलते नहीं सुना है , पर उनके जैसा आत्मविश्वास से लबरेज़ नेता भी कम ही देखा है . इसी तरह मायावती , और मुलायम सिंह जैसे नेताओं में आत्मविश्वास कूट -कूट कर भरा है पर वो हमेशा हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं . दोस्तों, कुछ जगहों पर जैसे कि job-interview में अंग्रेजी का ज्ञान आपके चयन के लिए ज़रूरी हो सकता है , पर confidence के लिए नहीं , आप बिना English जाने भी दुनिया के सबसे confident व्यक्ति बन सकते हैं .

8 ) जो चीज आपका आत्मविश्वास घटाती हो उसे बार-बार कीजिये :

कुछ लोग किसी ख़ास वजह से confident नहीं feel करते हैं . जैसे कि कुछ लोगों में stage-fear होता है तो कोई opposite sex के सामने nervous हो जाता है . यदि आप भी ऐसे किसी challenge को face कर रहे हैं तो इसे beat करिए . और beat करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो activity आपको nervous करती है उसे इतनी बार कीजिये कि वो आप ताकत बन जाये . यकीन जानिए आपके इस प्रयास को भले ही शुरू में कुछ लोग lightly लें और शायद मज़ाक भी उडाएं पर जब आप लगातार अपने efforts में लगे रहेंगे तो वही लोग एक दिन आपके लिए खड़े होकर ताली बजायेंगे .

गाँधी जी की कही एक line मुझे हमेशा से बहुत प्रेरित करती रही है “पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.” तो आप भी उन्हें ignore करने दीजिये , हंसने दीजिये ,लड़ने दीजिये ,पर अंत में आप जीत जाइये . क्योंकि आप जीतने के लिए ही यहाँ हैं , हारने के लिए नहीं .

9) विशेष मौकों पर विशेष तैयारी कीजिये :

“सफलता के लिए आत्म-विश्वास आवश्यक है, और आत्म-विश्वास लिए तैयारी”-Arthur Ashe

जब कभी आपके सामने खुद को prove करने का मौका हो तो उसका पूरा फायदा उठाइए . For example: आप किसी debate,quiz, dancing या singing competition में हिस्सा ले रहे हों , कोई test या exam दे रहे हो ,या आप कोई presentation दे रहे हों , या कोई program organize कर रहे हों . ऐसे हर एक मौके के लिए जी -जान से जुट जाइये और बस ये ensure करिए कि आपने तैयारी में कोई कमी नहीं रखी , अब result चाहे जो भी हो पर कोई आपकी preparation को लेकर आप पर ऊँगली ना उठा पाए.

Preparation और self-confidence directly proportional हैं . जितनी अच्छी तैयारी होगी उतना अच्छा आत्म -विश्वास होगा .और जब इस तैयारी की वजह से आप सफल होंगे तो ये जीत आपके life की success story में एक और chapter बन जाएगी जिसे आप बार -बार पलट के पढ़ सकते हैं और अपना confidence boost कर सकते हैं .

 

Health is wealth in hindi

Health is wealth in hindi

आधुनिक जीवन शैली की तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का विषय बहुत पीछे रह गया है और नतीजा यह निकला की आज हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं व्रद्धावस्था में होते थे और इसकी सबसे बड़ी वजह है खान पान और रहन सहन की गलत आदतें, आओ हम सेहत के इन् नियमों का पालन करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ एवं मजबूत समाज और देश का निर्माण हो,क्योंकि कहा भी गया है-पहला सुख निरोगी काया l

भोजन हो संतुलित- घी,तैल से बनी चीजें जैसे पूड़ी,पराँठे,छोले भठूरे,समोसे कचौड़ी,जंक फ़ूड,चाय,कॉफी ,कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन सेहत के लिए घातक है इनका अधिक मात्रा में नियमित सेवन ब्लड प्रेशर ,कोलेस्ट्रोल,मधुमेह,मोटापा एवं हार्ट डिजीज का कारण बनता है तथा पेट में गैस,अल्सर,ऐसीडिटी,बार बार दस्त लगना,लीवर ख़राब होना जैसी तकलीफें होने लगती हैं इनकी बजाय खाने में हरी सब्जियां,मौसमी फल,दूध,दही,छाछ,अंकुरित अनाज और सलाद को शामिल करना चाहिए जो की विटामिन,खनिज लवण,फाइबर,एव जीवनीय तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं l

चीनी एवं नमक का अधिक मात्रा में सेवन ना करें,ये डायबिटीज,ब्लड प्रेशर,ह्रदय रोगों का कारण हैं l

बादाम,किशमिश,अंजीर,अखरोट आदि मेवा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अवश्य करें

पानी एवं अन्य लिक्विड जैसे फलों का ताजा जूस,दूध,दही,छाछ,नींबू पानी,नारियल पानी का खूब सेवन करें,इनसे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती,शरीर की त्वचा एवं चेहरे पर चमक आती है,तथा शरीर की गंदगी पसीने और पेशाब के दवारा बाहर निकल जाती है l

व्यायाम का करें नियमित अभ्यास–

सूर्योदय से पहले उठकर पार्क जाएं,हरी घास पर नंगे पैर घूमें,दौड़ लगाएं,वाक करें,योगा,प्राणायाम करें,इन उपायों से शरीर से पसीना निकलता है,माँस पेशियों को ताकत मिलती है,शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है,अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव होता है,पूरे दिन भर बदन में चुस्ती फुर्ती रहती है,भूख अच्छी लगती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें l

गहरी नींद भी है जरुरी

-शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन लगभग 7 घंटे की गहरी नींद एक वयस्क के लिए जरुरी है,लगातार नींद पूरी ना होना तथा बार बार नींद खुलना,अनेक बीमारियों का कारण बनता हैl

अच्छी नींद के लिए ये उपाय करें

- सोने का कमरा साफ सुथरा,शांत एवं एकांत में होना चाहिए,रात को अधिकतम 10-11 बजे तक सो जाना और सुबह 5-6 बजे तक उठ जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है,सोने से पहले शवासन करने से अच्छी नींद आती है,खाना सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए एवं शाम को खाना खाने के बाद 20-25 मिनट अवश्य घूमें l

टेंशन को कहें बाय बाय

- रोज मर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्यों के लिए चिंतन करना सही है चिंता करना नहीं,चिता तो फिर भी मरने के बाद शरीर को जलाती है किन्तु लगातार अनावश्यक चिंता जीते जी शरीर को जला देती है इसलिए तनाव होने पर भाई,बंधू एवं विश्वास पात्र मित्रों से सलाह मश्वरा करें यदि समस्या फिर भी ना सुलझे तो विशेषज्ञ से राय लें l

नशे से रहें बच के-

यूवा पीढ़ी के लिए कोई सबसे खतरनाक बीमारी है तो वो है नशे के जाल में फँसना,शराब,धूम्रपान,तम्बाकू ये सब सेहत के दुश्मन हैं,किसी भी स्थिति में नशे की लत से बचें,यदि नशे से बचे हुए हैं तो बहुत अच्छा किन्तु,यदि कोई नशा करते हैं तो जितनी जल्दी नशे से दुरी बना लें उतना ही अच्छा है,ये ऐसी बीमारी है जो कैंसर और एड्स से भी ज्यादा खतरनाक है और एकसाथ कई परिवारों को बर्बाद करती है तथा शारीरिक,मानसिक,आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के नाश का कारण बनती है,इसलिए नशे से बचना ही बेहतर उपाय है l